Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का -"शायरी " No. of. 201. to 205.

किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का -"शायरी " No. of. 201. to 205.

 


201. अब क्या दास्तान सुनाऊ, तुम्हें में, अपनी हकीकत की,

          के, की थी,मोहब्बत मैने ऊँची हैसियत की,

          फिर मेरा हर ख्वाब टूट कर बिखर गया यारों,

       उसके बाद किसी ने खबर भी ना ली मेरी खैरियत की |


                               Author - Vikash soni


202. दुनिया का गोल, होल है,

       आपका यहाँ क्या गोल है,

        हर बात का यहाँ मोल है,

        मेरे बस इतने बोल है|


                                Author - Vikash soni


203. जिस में ना सुर है ना ताल है,

       बाजार में बिकता वही माल है,

       हम से कहते है लोग तु भी आजमाले,

       पैसा कमाने की बस यही चाल है |


                               Author - Vikash soni


204. डूब गई नाओं,

       फिसल गया पाओ,

       अब तो जहाँ मिले छाओं,

       वही अपना गांव |


                                Author - Vikash soni


205. जतन लाख करलो तुम हमसा हमदम पाने की,

         जर्रा भर भी नहीं हमारे जैसा ढूंढ पाओगे तुम,

         नुमाइश लाख  कर लो इस जिस्म ज़माने में,

       रुह को दे जो सुकुन ऐसा चैन नहीं ढूंढ पाओगे तुम |


                                 Author - Vikash soni





                                  

No comments:

विशिष्ट पोस्ट

नारी का सम्मान करो -" कविता " No. 8

 शतरंज के खेल में रानी का बचाव करो   संसार के मेल में नारी का आदर से सम्मान करो   सम्मान करते हो तुम अगर!  तो क्युँ दुर्योधन ने माँ जननी का ...

Evergreen