संसार के मेल में नारी का आदर से सम्मान करो
सम्मान करते हो तुम अगर!
तो क्युँ दुर्योधन ने माँ जननी का अपमान किया,
फिर अपने पैरों तले युँ रोंध दिया
तो क्युँ उस दयुत सभा की भाती, फिर से संसार ने युँ मोन
लिया
तो क्युँ कुछ असुरों ने, फिर से नारी पर आतंक किया
बहुत हुआ बस,माँ काली बनकर अब तुम नरसंहार करो
दुष्टों के शव पर तांडव बारम्बार करो
तब यह संसार त्राहिमाम -त्राहिमाम शोर मचाएगा
फिर अपने बच्चों को ये नारी का सम्मान करना सिखाएगा
तभी ये सीता के त्याग का, राधा के प्रेम का और द्रोपदी कि
लाज का आदर से सम्मान करेंगे
तभी ये इतिहास में रामायण और महाभारत को फिर से याद
करेंगे
ये तभी जानेगे कि जिस कुल के तुम दीपक हो वो कुल
नारी से हि उत्पन्न हुआ
जब तक रानी रही शतरंज में तभी तक राजा को कुछ ना हुआ
अगर तुम कोई भृम में हो तो उस भृम को मन से साफ करो
शतरंज के खेल में रानी का बचाव करो
संसार के मेल में नारी का आदर से सम्मान करो |
Author- Vikash soni
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