Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का - " शायरी " No. of 41. to 45.

किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का - " शायरी " No. of 41. to 45.



 41. हर कोई नहीं लड़ सकता अपने जज़्बात से,

       मेने वर्षों जंग कि है अपने आप से |

                   

                           Author- Vikash soni 


42.शाम कि धुंधली यादों में, मेने हररोज जालया है, खुद को,

    जल्दी सवेरा होगा,ये समझा कर,हर रोज सुलाया,खुद को|


                           Author - Vikash soni 


43. रहो में चलते -चलते कभी हमारे पैर तक जल जाते,

      फिर हम अपने ख्वाबों का मरहम उन पर लगाते,

      अक्सर हम खुद को खुदी से समझाते,

      कि एक मेहनत हि तो है, हमारी दोस्त,

      हम कहाँ किसी ओर पर अपना हक जताते |


                             Author- Vikash soni


44. गुमनमी के अंधेरों से पार जाना है, मुझे 

      पहचान अपनी इस जहांन में बनाना है, मुझे 

       युँ तो मेरी ख़ामोशी को, लोग अक्सर कमजोरी 

       समझ लेते है, मेरी, मगर 

       एक दिन इसी ख़ामोशी से शोर मचाना है, मुझे |

 

                            Author- Vikash soni


45. अभी हम अकेले है,एक दिन काफिला हमारे साथ होगा,

       जो मुकद्दर रूठा है हमसे, वो मुकद्दर भी साथ होगा,

       अब तो हमने, खुद पर विस्वास करना सीख लिया,

       हमें यकीन है कि 

       जो मुकाम सोचा है हमने, एक दिन वो मुकाम भी 

       हमें जरूर हाशिल होगा |


                                 Author -Vikash soni 





                           




        

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