46.तुम मोहब्बत से देखो जिस महबूब को,
वो महबूब हम तुम्हारा, गुलाम कर देंगे,
तुम आजमाकर देखो, हमें बस एक बार,
ये तख़्त तो ताज क्या हम सारा जहाँ तुम्हारे नाम कर देंगे|
Author- Vikash soni
47. में तड़पता रहा, झटपटाता रहा, अपनी तन्हाईयों में
गुमशुदा सा रहा,
अक्सर मेरी मायूसी की वजह पूछ लेते है,लोग मुझसे,
मेने उनसे कहा कि,
जिस गली से में आया हूँ, उस गली कि बड़ी याद आती है,
कब लोटूंगा उस गली में वापस, बस यही सोचकर
आँख मेरी भर आती है |
Author- Vikash soni
48. मुझे पता नहीं था कि जिंदगी के सबसे कठिन रास्ते
पर,अकेला चलूँगा, में
मुझे पता नहीं था कि जिंदगी का सबसे कठिन फैसला,
अकेला करुँगा,में
में डरा नहीं, बस थोड़ा सहम गया हूँ, में
एक बार अपने बचपन को फिर से याद कर रहा हूँ, में
अकेली तन्हाईयों कि जंजीर रुकावट है, मेरी कामयाबी
कि अगर,
तो इन जंजीरों को मुस्कुराकर तोड़ना सीख रहा हूँ, में
Author- Vikash soni
49. हम समझते है, उन का दर्द जिनने कभी दर्द भी न देखा
हो,
हम समझते है, उन का दर्द जिनने कभी नींद में किसी
हसीना का ख्वाब भी न देखा हो,
जिन्दा तो बस वो हि है, इस जहाँन में, जिनने हमें कभी
गुमराह किया इस ज़माने में,
कोई समझें हमारा भी दर्द, जिसने खुद को जैसे कई
बार मरते हुऐ देखा हो |
Author -Vikash soni
50. मोहब्बत है वो मेरी उसे अपनाऊंगा जरूर,
दिल रिस्ता है जो उसे निभाऊंगा जरूर,
फिर जाहे क़यामत भी क्युँ ना आ जाये,
वो खुदाई है मेरी उसे समझाऊँगा जरूर |
Author -Vikash soni
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