[Author vikash soni/www.soniji.in]. All rights reserved. No part of this blog may be reproduced, distributed, or transmitted in any form or by any means, including photocopying, recording, or other electronic or mechanical methods, without the prior written permission of the copyright owner, except in the case of brief quotations embodied in critical reviews and certain other noncommercial uses permitted by copyright law."
soniji.in Bolgger पर आप हिंदी कि नई शायरी और कविता पढ़ने का लुप्त ले सकते है, मे एक लेखक हूँ आशा करता हूँ कि मेरे द्वारा लिखें लेख आप को पसंद आयेंगे, आपका मेरे लेख पढ़ने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद! Shayari and Poetry in Hindi This is a Hindi blog where you can read hindi poem, hindi shayari. If you like to read shayari and poems in hindi, this blog is for you. Here you will find all types of shayari and poems like shayari on life, shayari on love, sad shayari etc.
विशिष्ट पोस्ट
नारी का सम्मान करो -" कविता " No. 8
शतरंज के खेल में रानी का बचाव करो संसार के मेल में नारी का आदर से सम्मान करो सम्मान करते हो तुम अगर! तो क्युँ दुर्योधन ने माँ जननी का ...

Evergreen
-
111. तुम्हारी शर्मो हया कि अदा, सजदे के काबिल है, तुम्हारा हर किसी पर ये निगाहों का जादू, सजदे के काबिल है, भले...
-
सपना उम्मीद का - "कविता" शिकायत तो गैर करते है, अपने तो समझाते है, नाराज तो गैर होते है, अपने तो मनाते है, तुम मेरे ...
-
86. प्यार की भाषा तो, बेजुवान भी समझ जाते है, अपने हमदम से टकरार की भाषा, हम उनकी निगाहों से समझ जाते है, भले ही उनकी मुस्कुराह...
-
27. राहों में मिली एक लड़की के निगाहों के जादू में हम खो गये उनकी नज़रों के तीरों से हम तो घायल हो गये उनकी एक मुस्क...
-
शीर्षक - कर्ण युद्ध में कहा हारा था -"कविता " कर्ण युद्ध में कहा हारा था, उसने तो अपना जीवन अपनी माँ पर वारा था, ज...
-
116. वो आशिक़ ही क्या, जिसने कभी मोहब्बत कर,शाराब का जाम न पिया हो अपने दर्द को कम कर, हर शाम को शान से ना जिया हो| ...
-
101. जंगवाज हो तुम अगर, तो क्या एक बार इश्क़ के दरवार में आओगे, वहाँ आकर, सच्चा इश्क़ हो गया तुम्हें अगर, तो मुझे ...
-
56. अपने इस वर्वाद जीवन को में कुछ तो आवाद करुँ, अपनी करनी का में भी तो कुछ पश्चयाताप करुँ, इस धर्म, अधर्म की करनी का में भी ...
-
कारागार में जन्म लिया, सब दरवाजों को खोल दिया माया भी बड़ी निराली, फिर काहे की पहरेदारी, बारिश थी घमासान, यमुना का बड़ा उफान, शेषनाग छत्र...
-
106. शाम में सजे रंगीन ख्वाब अक्सर, झूठ होते है, पत्थारों पर लिखे प्यार के नाम, अक्सर झूठ होते है, सच तो ये है, कि अक्सर...
No comments:
Post a Comment