Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : पिता और माँ - "कविता" No. 2.

पिता और माँ - "कविता" No. 2.

 




शीर्षक -”पिता और माँ "

पिता मेरे जैसे धुप में छाव ,

माँ मेरी दूरदर्शनी पहचाने मेरे मन के भाव,

पिता मेरे जब डांट लगावे माँ मेरी तब लाड़ जतावे ,

दुनिया की इस गूथम - गुत्थी में हमको सही मार्ग दिखावे ,

अपने से पहले उठ जावे खाना परोस वो हमें खिलावे ,

दुनिया से वे लड़ जावे पुत्र प्रेम में जब पड़जावे ,

जब हम कोई भूल कर जावे, हमारे कल की चिंता उन्हें सतावे,

तब वो अपना रोद्र रूप दिखलावे, 

हम उनके नत्मस्तक हो जावे ,

फिर वो धीरे से मुझे गले लगावे, मेरी गलती मुझको बतलावे,

वो तो मुझे भगवन रूप मे भावे, अच्छी शिक्षा का पाठ पाढ़वे |

                        

                                           Author -vikash soni



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