डरना छोड़ दे
खुद के यकीन को दोस्त बना, ओर मयूसीयों से अपना
मुख मोड़ ले
अगर हासिल करना है तुम्हे अपनी मंजिल को यहाँ,तो
अपने पैरो के छाले गिन्ना छोड़ दे
Author - vikash soni
12. जब उनके दीदार के लिए उनकी गली से गुजरे
हम तो उनकी रहे तक ते ही रह गये
वो सामने आकर भी हमें अनदेखा करके चल दिए
ना दीदार हुआ ना मुलाकात हुई बस युही
हम तो आशिको कि भीड़ ना जाने कहा खो गये
Author - vikash soni
13. कभी एक लड़की ने हमसे प्यार का इजहार किया
तभी हमने आशिको कि बस्ती मे नया मकान लिया
हम नादान थे समझ न सके उस मासूम कि मोहब्बत को
ओर हमने अनजाने ही उसके प्यार का आशियाना उजाड़
दिया
Author -vikash soni
14. हम तो खामोशी से उनकी महफिल सजाते रहे
खुद को उनके दोस्तों कि गिनती मे गिनाते रहे
वो हमें अपने किसी ओर से इश्क़ कि दास्तान
सुनाते रहे ओर
हम उनकी खुशी कि खातिर अपने मासूम दिल के
जज़्बातो को दबाते रहे
हम तो खामोशी से उनकी महफिल सजाते रहे
Author - vikash soni
15. वो कहते है कि हम उनके लायक नहीं
हमारी लायकी तो बहाना है उनका क्योकि
जमाना जनता है कि हम इश्क़ मे जितने उनके
लिए पागल है
इतने बड़े तो हम भी नलायल नहीं
Author - vikash soni
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