Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिक़ी और जिंदगी का - "शायरी " No. 16. to 21.

किस्सा आशिक़ी और जिंदगी का - "शायरी " No. 16. to 21.



 16. में अकेला तन्हा इंसान मुसीबतों का पिटारा 



       पता नहीं उस खुदा ने मुझे किस हंटर से मारा 


       में हूँ वो मुसाफिर जो वक़्त ओर हालत से हारा 


        जो कभी हुआ करता था अपने माँ -बाप की 


         आँखो का तारा 


                              Author - vikash soni *


17. हमने ता उम्र बस एक ही ख्वाब पाला    


      कि सितारों सी सजे हमारी दुनिया 


      सारा आसमान हमारे क़दमों तले उसके ऊपर हम चले 


      लेकिन जिंदगी कि हकिकत ने हमें ये ज़हरे मंजर दिखा 


      डाला 


      जैसे ख्वाब ना पुरे होते यहाँ किसी के 


      तूने वो ख्वाब  अपने जहन मे कैसे पाला 


                            Author - vikash soni *


18. जिंदगी के अंधेरों मे हम कही खो गये 


       ख़्वाइशो से थक कर हम कही सो गये 


       जब उम्मीदों ने हमें पुकारा तो खुशी के मारे 


       लब हसे ओर हम रो गये 


                            Author - vikash soni*


19. जिनने भी जिंदगी कि उच्चाईया छुई वो  झुक्कर चले 


      अक्सर, अकड़ कर चलने वाले गिर जाते है 


      जो भी तूफा से आँख मिलाकर आगे चले वो निखर जाते 


      है 


      अक्सर, तूफ़ा से डरने वाले बिखर जाते है 


                           Author - vikash soni *


20. ये नुरे नज़र तखते ज़िगर तुम्हरी ख़ामोशी कि हम 


      रखते फिकर 


      तुम्हारे दिल का हाल हमें ये समझा रहा है कि 


      कोई हमसा मुसाफिर तुम से दूर जा रहा है 


      तु मत कर फिकर हम ले आये गे तेरे मुसाफिर को 


      क्योंकि तुम्हारी एक मुस्कुराहट कभी है हमें 


      सारे जहाँ मे आग लगाने को 


                           Author - vikash soni*

21. ना  तीर करे,न तलवार करें,न करपाए कोई वीर 


       वाणी मुख से यु निकले घाव करें गंभीर 


       रिश्ते सब दूर भगाये पास न आये कोई मीत 


      जल -जल मुआ खुद मरे जैसे वदन खुजाये सीत 


                  Author -vikash soni*



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