Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिकी और ज़िन्दगी का - "शायरी " No. of 32. to 35.

किस्सा आशिकी और ज़िन्दगी का - "शायरी " No. of 32. to 35.




 32. हे खुदा, उस पर थोड़ा और रहम कर दे,

       अभी चार दिन तो हुए, उसे अपने घर से 

       डोली में बैठ रुकश्त हुए,

       में जानता हूँ तु नराज़ है उस बेबफा से,

       मगर में फिर भी चाहता हूँ, तु मेरी सारी  

       जिंदगी उसके नाम करदे,

       हे खुदा उस पर थोड़ा और रहम कर दे |

                       Author - Vikash soni

33. भटकता मन, दिल हमारा जुआरी 

       हासिनों कि महफ़िल में हम अकेले प्रेम पुजारी 

       कमबख्त एक दिल, हम तो सभी पर कुर्बान कर देते 

       मगर, तभी सामने से आ गई भाभी तुम्हरी |

                       Author - Vikash soni

34. यु तो बैठे रहे हम खामोश रातों में अकेले,

       क्युँ उलझे रहे अपने ख़्वाबों में तन्हा अकेले,

       वैसे तो उम्मीद के धागों से अपने ख्वाबों को बुन लिया 

       हमने,

       मगर इन ख़्वाबों को हकीकत में पूरा कैसे करें अकेले |

                               Author - Vikash soni

35. हम इश्क़ कि वस्ती में, फिर से नया मकान बनायेगे,

       ज़माने के पत्थरों ने तोड़ा है, जो हमारी मोहब्बत का 

      आशियाना,उसे हम फिर से बसायेगे 

      वो चाहे लेले, कितने ही इंतहान हमारी मोहब्बत के,

      मगर, हम आशिक़ है जनाब, इतनी आसानी से कहा              बाज़ आयेगे |

                           Author - Vikash soni



       

No comments:

विशिष्ट पोस्ट

नारी का सम्मान करो -" कविता " No. 8

 शतरंज के खेल में रानी का बचाव करो   संसार के मेल में नारी का आदर से सम्मान करो   सम्मान करते हो तुम अगर!  तो क्युँ दुर्योधन ने माँ जननी का ...

Evergreen