Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : जय हिन्द के नारों को -" कविता " पात्र - नेता जी सुभाषचंद्र बोस No. 5.

जय हिन्द के नारों को -" कविता " पात्र - नेता जी सुभाषचंद्र बोस No. 5.


 
 

जय हिंद के नारों को जब, नेता जी बोस ने हमें सुनाया था,

अंग्रेजी हुकुमत के पहरेदारों को जब,उन्होंने अपने भाषण से   धमकाया था 

 भारत कि अधीनता पर जब,उन्होंने  अजाद हिन्द फौज का     त्रिसूल  चलाया था 

  तब भारत कि इस पावन धरती पर हमने राष्ट्र ध्वज 

  फहराया था 

  जय हिन्द के नारों को जब, नेता जी बोस ने हमें सुनाया था 

  दिल्ली चलो कहकर जब,उन्होंने भारत माँ के वीरों से उनका    लहु मगाया था 

  जब भारत का हर बच्चा उनकी इस मांग को जाना था और 

  उन्हें अपना गुरुर बनाया था 

  तब भारत कि इस पावन धरती पर हमने राष्ट्र ध्वज 

  फहराया था 

  जय हिन्द के नारों को जब नेता जी बोस ने हमें सुनाया था 

  गांधी जी कि लाठी को जब, उन्होंने फिर से जगाया था 

  अंग्रेजी हुकुमत के पहरेदारों जब,उन्होंने उलटे पैर भगाया        था 

  तब भारत कि इस पावन धरती पर हमने राष्ट्र ध्वज 

  फहराया था 

  जय हिन्द के नारों को जब, नेता जी बोस ने हमें सुनाया था|

         

                               Author -Vikash soni

  





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