Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिक़ी का और जिंदगी का - " शायरी " No. of 56. to 60.

किस्सा आशिक़ी का और जिंदगी का - " शायरी " No. of 56. to 60.



 56. अपने इस वर्वाद जीवन को में कुछ तो आवाद करुँ,

       अपनी करनी का में भी तो कुछ पश्चयाताप करुँ,

       इस धर्म, अधर्म की करनी का में भी तो थोड़ा सार बनुँ,

      जिस परमेश्वर संभाल रखा है, ये जीवन उसको प्रणाम 

       बारम्बार करुँ |

                             Author -Vikash soni 


57. में अपने माँ - बाप का सच्चा बेटा हूँ,

       मेंने ना कोई दुष्कर्म किया,

       जब तक मर्जी नहीं थी उस लड़की की,

       मेने खुद को,  उसे छुने ना दिया |

                             Author - Vikash soni


58. मुझे विस्वास है, मेरे भगवान पर,

      मझे वो ऐसे नहीं, अपने दर से खाली हाथ जाने देगा,

      अगर रास्ता दिखाया है, उसने मेरी मंजिल का,

       तो मंजिल पर पहुंचाने तक, वो मेरा साथ देगा |

                               Author - Vikash  soni


59. अपने थोड़े रुतवे पर तु मत इतरा इंसान, 

      ऊपर बैठा है, शहंशाह जो सब पर रखे नज़र,

      खामोश होकर तु करले कोई भी गलत काम, वो देखे 

      बैठा है, यहाँ सबकी फितरत, तु मत कर फिकर,

       वो जल्दी तुम्हारे जहन में छोड़ेगा अपना असर |

                                 Author - Vikash soni


60. तुम बम बनाओ, मगर थोड़ा कम बनाओ,

       तुम शर्म बचाओ, मगर थोड़े अच्छे कर्म बढ़ाओ,

       तुम्हें नहीं पता के बच्चों को तोफे में क्या देते है, अगर 

       तो अपनी यह नज़र झुकाओ, उसकी मुस्कान को देखों

       एक बार, फिर शायद तुम समझ जाओ |


                                  Author -Vikash soni 


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