वो मेरी और में उसका, ये मेने पुरे जहाँ में कहा है,
मगर वो बोली पल भर की दोस्ती, ज़िन्दगी भर का साथ,
मेरे पिता कभी नहीं देंगे तुम्हें अपनी बेटी का हाथ |
Author - Vikash soni
82. तेरे प्यार को सजदा करुँ, ये बेवफा,
तुझ पर अपनी जान तक लुटाई मैने, ये बेवफा,
तुने मेरे प्यार के पैगाम,खामोश होकर समेटे,ये बेवफा,
मगर उन्हीं प्यार के पैगामों की अग्नि से, तुने किसी और
के संग सात फेरे लिए, ये बेवफा |
Author - Vikash soni
83. मोहब्बत से किसी से नजरें मिल जाये, तो उसे प्यार
का इशारा कहते है,
मस्त जवानी में किसी का आँजल सरक जाये, तो उसे
आशिक़, मोहब्बत का नज़ारा कहते है,
अरे हमने तो कई आशिक़ो से सुना है,
जब दिलरुबा शादी के लिए तैयार हो जाये, तो उसे ही,
सात जन्मों का सबेरा कहते है |
Author - Vikash soni
84. जो एक वक़्त जान लुटाया करते थे, हम पर,
वो आज हमारे सामने, अंजान बने बैठे है,
जो कभी नाम लेकर - लेकर नहीं थकते थे हमारा,
वो आज भरी महफ़िल में, हमें रुशवा करें बैठे है |
Author - Vikash soni
85. तुम्हारी नज़र क्यों हैरा है,
मेरी आँखों में सिर्फ तुम्हारा ही चहरा है,
तुम्हारी बंददिसे क्या कम थी, जान
जो अब तुम्हारी सहेलियों तक का, मेरी जिंदगी मे
पेहरा है |
Author - Vikash soni
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