Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिक़ी और जिंदगी का - "शायरी " No. of 96. to 100.

किस्सा आशिक़ी और जिंदगी का - "शायरी " No. of 96. to 100.



 96. माँ मेरी हम दम, मेरी साथी रही,

       हर वक़्त, मुझे हर कदम पर समझाती रही,

       कि प्यार बाटते रहना, इस जहाँन में,

     बस इसी तरह वो प्यार से मेरी रुह को जगाती रही|


                        Author - Vikash soni


97. याद है मुझे,वो रात जो मुझे कयामत का दर्द दे             गई,

      मेरे सर से छत तूफ़ा के समान ले गई,

 मेरी रुह तक काप जाती है, जब वो रात याद आती है, 

  जो मेरे पिता को, मुझे, उन से बात करें बिना ले गई,


                   Author- Vikash soni 


98. उस दिन मेरी आँखे नम थी, शायद मुझे अपनों से 

       उम्मीदें थोड़ी कम थी,

       लेकिन उस दिन देखा जब, मैने अपनी भाभी कि 

       आँखों को,

       तो उसमें मेरी माँ कि ममता ज्यादा और वो मेरी 

       भाभी कम थी |


                      Author - Vikash soni


99. एक भाई है मेरा, जो अक्सर बचपन में मुझे रुला 

      दिया करता 

     फिर जाहे मेरे लिए,दूसरों से लड़ाई कर लिया

     करता,

    लेकिन पता नहीं मैने, अपने गुनाहों कि कोन सी 

    सजा पाई,

   कि वो मुझसे दूर हो गया, जिसकी में कभी परछाई 

   हुआ करता 


                       Author - Vikash soni 


100. मेरे प्यारे भतीजे तुम खुश रहो, तुम्हारी बाते 

        युही मुस्कान के साथ सहजती रहे,

        तुम खूब तरक्की करो, कि तुम्हें देखने हासिनों 

       कि निगाहें तरस्ती रहे,

       वे सब्र रखना अपने आप पर, हमेसा अपराजित

      रहो,

     कोई प्यार से पुकारे तुम्हें, तो तुम्हारी उम्मीद इस 

     दुनिया पर बरसती रहे |


                     Author - Vikash soni

    



       

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