Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिक़ी और जिंदगी का - " शायरी " No. of 111. to 115.

किस्सा आशिक़ी और जिंदगी का - " शायरी " No. of 111. to 115.


 111. तुम्हारी शर्मो हया कि अदा, सजदे के काबिल है,

         तुम्हारा हर किसी पर ये निगाहों का जादू, सजदे के 

          काबिल है,

        भले ही लाख इल्जाम लगे, तुम्हारी नियत पर,

        मगर तुम्हारा युँ मुस्कुराकर दिल चुराने का हुनर,

        सजदे के काबिल है |

                     

                          Author - Vikash soni


112. वो सुनती रही मुझे, गौर से, शायद में ही उलझन में था ,

        वो बैठी रही मेरे करीब खामोश, न जाने में ही कहा कि 

        बातों में था ,

        याद है मुझे, वो लम्हा जब मेरा हाथ उसके हाथों में था 

       अरे बड़ी खूबसूरत घड़ी थी वो, जब मेरी बातों का 

       जबाब उसकी मुस्कुराहट में था 


                     Author -Vikash soni 


113. बात हुई ही थी कहा उनसे, हमारी के ये पूरी कायनात 

         जैसे चुप हो गई,

        कि हमने बरसों से सिर्फ, उनके लिए सभाल रखा ये 

        दिल, ये सुनकर वो भी चुप हो गई |


                      Author -Vikash soni 


114. शहनाईयाँ आवाज देती है, किसी मोहब्बत के 

        न मुक़म्मल होने कि, क्योंकि 

        अक्सर मोहब्बत मुक़म्मल होती है, बिना शहनाइयों 

        के आवाजों कि, 

       भला उस अधूरे प्यार का अफसाना क्या होगा,

       मेरे यार को लूट लिया,जिस घड़ी किसी ओर ने,

       वो दोहज़्त का नज़ारा क्या होगा |


                              Author -Vikash soni 


115. हासिनों कि चाहत पर,एतवार मत करना मेरे दोस्त,

         वो अक्सर तन्हाइयों में ही साथ निभाइगी तुम्हारा,

         तुम बेपरवाह होकर कर तो लोगे उनसे मोहब्बत,

        मगर वो चार कदम भी साथ न निभा पायेगी तुम्हारा |


                          Author -Vikash soni 





        

       







       

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