Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का -"शायरी " No. of. 131 to 135

किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का -"शायरी " No. of. 131 to 135


 131.सवाल वहाँ करो,जहाँ जवाव देने वाला हो,

        फरियाद वहाँ करो, जहाँ सुनने  वाला हो,

        ये अन्धो की नगरी है जनाब, तुम खा म खा यहाँ दीये            जलाये जा रहे हो,

        रोशनी वहा करो,जहाँ उसे देखने वाला तो हो |


                             Author - Vikash Soni


132.बादशाह है हम अपनी गली के,

       हम कहा किसी का इंतजार,इतनी फ़ुरसत से करते है,

       ऐसे ही मुलाक़ात नहीं करते सभी से,

       वो आपके हुस्न ने हमें मजबूर कर दिया हमें,

       वरना हम कहा किसी से,मुलाक़ात को ऐसे ही तरसते है|


                               Author - Vikash Soni 


133.कास हमारा इश्क उन,पर कर्ज हो जाये, 

        उनकी हर आरजू, हमारा फ़र्ज हो जाये,

        ये खुदा सुन ले मेरी फरियाद और 

        उसका नाम में,मेरा सरनेम मर्ज हो जाये |


                                 Author - Vikash Soni 


134.आपके पास ठण्ड कि, व्यवस्था कई सारी है,

       और हमारे पास, बस एक तीली, वो भी पुरानी है,

  मगर पॉकेट नहीं, जिस पर तीली घिस कर आग जला सके,

      अपने अरमानों की प्यास, हम थोड़ी बुझा सके |


                                Author - Vikash Soni 


135.मेरा मुकाबला खुद से मेरे दोस्त,

      अगर किसी और से होता तो कब का जीत गया होता |

                         

                          Author - Vikash Soni 




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