Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का -"शायरी " No. of. 146. to 150.

किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का -"शायरी " No. of. 146. to 150.


146. गुजारिश कर के देखो, हम पिघल जायेगे, 

       तुम मुस्कुराकर देखो,हम महक जायेगे,

       तुम खामोश खा मा खा बैठे हों,हमसे दूर,

      तुम पुकार कर देखो, हम तुम्हारे करीब खिचे आयेगे|

                              

                                   Author - Vikash soni


147.   कभी आओ गलिफ़ की महफिल में,

          तब हमारी शान का पता आपको चले,

          कभी देखो इन निगाहों को गोर से,

          तब हमारी जान का पता, आपको चले |


                                    Author - Vikash soni


148.हम करें उनसे कोई शरारत, ऐसी हमारी हिमाकत कहा 

        हमारी नज़र देख ले उन्हें, चोरी से, 

        ऐसी हमारे पास नजाकत कहा,

        हम चाहते सुनादे अपना हाले दिल उन्हें खुलकर,

        मगर ऐसी हमारी बकालत कहा 


                                   Author - Vikash soni


149. हमें क़त्ल कर वो, किसी और को शिकार बनाये बैठे है,

वो किसी और की बाहो में, हमें नज़रों का जाम पिलाये बैठे है,

फिर भी हम हर जुर्म उनका,हँसकर कुबूल करेंगे,

क्योंकि हम सबसे छुपाकर, उन्हें अपने दिल में छिपाये बैठे है|


                                      Author - Vikash soni

 

150. जहन में आग, दिल में तूफ़ा पाला है,

         अब तो कुछ कर गुजरने का, जुनुन जागा है,

         यह सोचकर निकले ही थे, घर के बाहर, फिर देखा 

   सामने खुदी हुई सड़क और पीछे मुंशीपालटी का नाला है|


                                  Author - Vikash soni



                            





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