Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का -"शायरी " No. of. 151. to 155.

किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का -"शायरी " No. of. 151. to 155.


 151. दोस्त सारे गुमशुदा हो गए,

         अपनों के साये मेरे सर से भी युँ जुदा हो गये,

         अब हम ज़िन्दगी की तलाश करें भी तो कहा करें,

         जब सारे रास्ते हम से युँ ख़फ़ा हो गये,

   

                            Author_Vikash Soni


152. शिश्किया सुनाई दे रही है तुम्हें,

        या फिर अपना दुखड़ा तुम्हें गा कर सुनादे,

        कमबख्त आवाज तक ना दि उसने,

        हमें रुला देने के बाद |


                                  Author_Vikash Soni


153. खूबसूरत लड़कियों से मुस्कुराकर तोबा कर लेना,

         उन्हें तुम दूर से ही देखकर आहे भर लेना, 

       शाम होने पर दबे पैर उनके घर से चुप चाप निकल लेना,

       और कही पकडे गये, तो फिर अपनी हड्डी पशली की,             सालामति की दुआ कर लेना |


                                    Author_Vikash Soni


154. एक हसीन मोके पर हमारे साथ धोखा हो गया,

         बातों ही बातों में,जब हमारा रोका हो गया,

         हम तो गुम, किसी और के ख्यालों में थे,

         ना जाने किस कदर हमारी नजरों को धोखा हो गया |


                              Author_Vikash Soni


155. हमसे विरासत की बात ना करो,

        हमारे हिस्से ज़िम्मेदारी आ गई थी,

       जिस उम्र में मूछे भी नहीं निकली थी तुम्हारी, 

      उस उम्र हमारी दाढ़ी में सफ़ेदी आ गई थी |


                               Author_Vikash Soni






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