Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का -"शायरी " No. of. 156. to 160.

किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का -"शायरी " No. of. 156. to 160.


 156. पाक सा रिश्ता है, पाक रहने दो,

          प्यार का रिश्ता है, जरा साफ रहने दो,

          और हम भला क्यों छेड़े, अपनी तन्हाइयों में उन्हें,

          ख्वाब का रिश्ता है, ख्वाब रहने दो |

     

                                      Author- Vikash Soni 


157. अगर हम आपको नहीं जानते,

        तो इस जहाँ को जहाँन नहीं मानते,

        आप बैठे है , ऐसे हसीन ख्वाब बनकर हमारे सामने,

        हम इस हकीकत को, हकीकत नहीं मानते |


                                    Author- Vikash Soni 


158. वो हमें जानती भी रही, अपना मानती भी रही,

        प्यार जताती भी रही, हमें समझाती भी रही,

        कि अक्सर प्यार हो जाने के बाद, में उसे निभाती नहीं,

       और वो ऐसे ही हमें अपना बनाकर, हमें सताती रही|


                                      Author- Vikash Soni 


159.  ख्वाब याद है, या में ले आऊं,

         यादें साथ है, या में छोड़ जाऊं,

         हमारी फिक्र मत करो, हम जी लेगे, तुम्हारी यादों 

         के साहारे त उम्र,

        मगर, खुदाई याद है तुम्हें, या भी भूल जाऊं |


                                      Author- Vikash Soni 


160.  लोग जो, तन्हाइयों में रहा करते है,

        अक्सर उनसे  दीवारे हाल - चाल पूछ लिया करती है,

        घड़ी उनकी दुश्मन और ख़ामोशी उनकी दोस्त रहा 

        करती है |

   

                                     Author- Vikash Soni 



   



        

   





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