Shayari and kavita in hindi / किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का-शायरी/कविता आनंद/ Author -Vikash soni : किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का - "शायरी" No. of. 121. to 125.

किस्सा आशिक़ी और ज़िन्दगी का - "शायरी" No. of. 121. to 125.


 121. बेकाबू हालत एक दिन,काबू हो जायेगे 
        तुम्हारी दुआ में पढ़े शब्द, दुआ में सुमार हो जायेगे 
        लेकिन तुम ना बैठो युँ हाथ पर हाथ रखकर 
        वरना  जो बचे है चंद जीराग तुम्हें राह दिखाने को 
        वो निराश होकर बुझ जायेगे |
        
                                Author - Vikash soni

122. देर से सही, हमारी मेहनत रंग लाएगी जरूर 
मेरे हाथों नहीं जो, किस्मत कि लकीर, वो बन जायेगी जरूर 
खुद को लायक बनाने कि,हमारी कोशिश रहेगी भरपूर,
कि एक दिन वो मुक़्क़दर भी बोल पड़ेगा, फ़रमाइए हुजूर |

                                Author - Vikash soni

123. जिंदगी के सफर में, मंजिल कि दूरिया रास नहीं 
        आ रही 
         रूठा है मुक़्क़दार,ये जवाबानी रास नहीं आ रही 
         हम कैसे किसी और को खुद को शोप दे, 
         जब हमें अपने नुकसान के कारण किसी और कि 
          साझेदारी रास नहीं आ रही |

                                  Author - Vikash soni

124.हम जिस गली से गुजरे वो हमारी खाश हो गई 
       जो नज़र हम पर पढ़ी वो हमारी दुआ सार हो गई 
       युँ तो ठोकर देखी है हमने कई,
       लेकिन जो ठोकर हमें लगी, वो खुद शर्म साक हो गई |

                                   Author - Vikash soni

125. जिंदगी कि दौड़ में, तुम्हारा परचम शिखर पर 
         लाल होगा,
        तुम्हारा मुक़्क़दार भी तुम्हारा गुलाम होगा,
        तुम नउम्मीद में उम्मीद खोजना सीख लो बस,
        तुम फिर देखना, इस जहाँन के बादशाहो से बड़ा,
        तुम्हारा तख़्त ओ ताज होगा |

                                    Author - Vikash soni
         
         


No comments:

विशिष्ट पोस्ट

नारी का सम्मान करो -" कविता " No. 8

 शतरंज के खेल में रानी का बचाव करो   संसार के मेल में नारी का आदर से सम्मान करो   सम्मान करते हो तुम अगर!  तो क्युँ दुर्योधन ने माँ जननी का ...

Evergreen